नोट्स-गद्य लेखक एवं पद्य
1-प्रमुख गद्य लेखक और रचनाएँ
1- प्रेमचन्द्र
2-जयशंकर प्रसाद
3-जैनेन्द्र
4-अज्ञेय
5-यशपाल
6-मन्नू भंडारी
7-महादेवी वर्मा
8-धर्मवीर भारती
9-फणीश्वर नाथ रेणु
10-कृष्णा सोबती
11-रामवृक्ष बेनीपुरी
12-महावीर प्रसाद द्विवेदी
13-कमलेश्वर
14-शिरपूजन सहाय
15-राहुल सांकृत्यापन
16-हरिशंकर परसाई
17-जगदीश चन्द्र माथुर
मुख्य विवरण आगे प्रस्तुत किया हैं-
2-प्रमुख पद्य लेखक और रचनाएँ-
1- कबीर
2-तुलसी
3- सूरदास
4- मीरा
5- देव
6- रसखान
7- जयशंकर प्रसाद
8- माखनलाल चतुर्वेदी
9- निराला
10- पतं
11- हरिवंशराय बच्चन
12- कुँवर
13- रघुवीर लहाय
14- रामनरेश त्रिपाठी
15- त्रिलोचन
16- नागार्जुन
17-गिरिजा कुमार माथुर
18- सर्वेश्वर दयाल
19- केदारनाथ अग्रवाल
मुख्य विवरण आगे प्रस्तुत किया हैं-
3- स्नातक स्तरीय रचानाओं का विशिष्ट अध्ययन
1-कबीरदास
2- तुलसीदास
3- सूरदास
4- मीराबाई
5- बिहारी
6- सूर्यमल्ल मिश्रण
7- रामधारी सिंह ‘दिनकर‘
8- जयशंकर प्रसाद
9- ‘अज्ञेय‘{ सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन}
10- अर्चाय रामचन्र्द शुक्ल
11- मोहन राकेश
12- चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी‘
13- राजेन्द्र यादव
14- निर्मल वर्मा
मुख्य विवरण आगे प्रस्तुत किया हैं-
गद्य
1प्रेमचन्द्र
जन्म- 1880 ई़ लमही गाँव {उ,
प्र,}
मृत्यु- सन् 1936 { ड्रांप्सी रोग}
मूलनाम- धनपतराय, पत्नी- शिवरानी देवी प्रमुख रचनाएँ-
उपन्यास
सेवासदन {1918}
प्रेमाश्रम {1922}
रंगभूमि {1925}
निर्मला {1927}
कायाकल्प {1926}
गबन {1931}
कर्मभूमि{1933}
गोदान {1935}
खोजे वतन {1907-08}
नाटक
जर्बला {1924}
संग्राम {1923}
प्रेम की देवी {1933}
ऽ कुछ विचार, विविध प्रंसग { निबंध- संग्रह}
ऽ मानसरोवर-{300} आठ खंड में, गुप्त धन { कहानी संग्रह}
उर्दू में लेखन-नवाबराय बनारसी
प्रथम कहानी-संसार का अनमोल रत्न {1907}
जमाना पत्रिका अनमोल धंधी-फिल्म
माता-आनंदी देवी, पुत्र- अमृत राय, पिता- अजायब लाल
प्रेमचन्द्र के नाम से प्रथम कहानी-बड़े घर की बेटी
प्रथम उपन्यास- सेवा सदन {1918}
प्ररेणा-महावीर प्रसाद पोद्दार
प्रथम मैलिक उपन्यास
मंगलसुत्र-अधूरा {अमृतराय द्वारा}
ऐतिहासिक उपन्यास-
रूठी रानी
मलादेव की पत्नी उमादे
उर्दू का प्रथम उपन्यास- असगर-ए-मआविद
अन्य- प्रतिज्ञा {1929}, वरदान {1921}
परी़़क्षा रचनाएँ-
1 दो बैलों की कथा
हीरा- सहिस्णु,संयमी
मोती- गुस्सेला, विदªोही
झूरी काछी-मालिक
गया-झूरी का साला
लड़की-भैरों की लड़की
भैरों- गया का भाई
स्ंावेदना-
1- पंचतंत्र व हितोपदेश कथा पद्वति का अनुसरण
2- अप्रत्यक्ष रूप् से आजादी से जुड़ी कथा
कलम का सिपाही-
2 नमक का दरोगा
1-मंुशी वंशीधर-नमक का दरोगा {कत्र्तव्य निष्ठ ईमानदार}
2- बुढे मुंशीजी- वंशीधर के पिता
3- आलोपीदीन-भ्रष्ट व्यापारी-किन्तु गुणों का कद्दान दातागंज का सेठ
4- हवलदार बदलू सिंह-जमादार
स्ंावेदना-
धन पर धर्म ककी विजय
तात्कालिक नमक कानून का उल्लेख
भ्रष्टाचार का उल्लेख लक्ष्मी {धन} का भरोसा
3 सूरदास की झोपड़ी
रंगभूमि उपन्यास
मूल पात्र
सूरदास {अंधा भिखारी}
भैरांे {ताड़ी व्रिकेता}
सुभागी{भैरांे का पत्नी}
जगधर {भैंरो का मित्र}
मिठुआ {सुरदास कस दन्तक}
अन्य{नायकराम, बजरंगी, पहलवान,धीसू}
संवेदनाः-1 जीवन को खेल समझना एवं निराश से उबरना
2 पुनानिर्माण की भावना
3 गुण {सुरदास}-क्षमाशीलता,पुनानिर्माण
4 ईदगाह
मूल पात्र
हामिद-4-5 वर्ष का आनाथ बालक
अमीना - हामिद की दादी
महमूद -मित्र
मासिन - मित्र
नूरे - मित्र
शम्मी -मित्र
चैधरी कायम अली
प्रमुख पत्रिकाएँ-- जागरण,मर्यादा, माधुरी, हंस
2 जयशंकर प्रसाद
जन्म-1889ई {वाराणसी}
मृत्यु-1937ई
पिता-देवीप्रसाद {बुधनी साहु परिवार}
प्रमुख काव्य कृतियाँ
चित्रधार
कानन-कुसुम
झरना
आँसू
लहर
कामायनी{ मंगलाप्रसाद पारितोषित प्राप्त हुआ
15 सर्ग-1935 प्रथम-चिन्ता सर्ग,
अन्तिम-आन्नद सर्ग
प्रमुख उपन्यास
कंकाल
तितली
इरावती
अपूर्ण
प्रमुख कहानी संग्रह
अकाशदीप
आँधी
इन्द्रजाल
प्रतिध्वनि
छाया
ऽ आत्मकथा पहली बार 1932 में हंस के आत्मकथा विशेषांक में प्रकाशित हुई
नोटः-हंस के वर्तमान सम्पादक राजेन्द्र 1986 से अब तक {हंसपत्रिका}
परीक्षा रचनाएँः-
1 देवसेना का गीत
1स्कंदगुप्त नाट्क से लिया गया हैं।
2 देवसेना मालवा के राजा बंधुवर्मा की बहन
3 हुणों से युद्ध मंे देवसेना का पुरा परिवार वीरगती को प्राप्त हो गया
4 देवसेना की चाहत स्कंदगुप्त मगर वह विजया के चाहता था
5 अंत में देवासेना मेेेें स्ंकदगुप्त का उम्रभर कुवाँरा रहना पड़ा
प्रेमपथिक {कविता}
प्रथम कहानी- 1911 में इन्दु पत्रिका में प्रकाशित हुई।
2 कार्नेलिया का गीत
1- चंद्रगुप्त के लिया गया हैं।
2- कार्नेलिया सिंकन्दर के सेनापति सिल्युकस की बेटी ।
3- भारतवर्ष की सौन्दर्यता तथा विशेषताओं का उल्लेख
4- सिंधु के किनारे ग्रीक शिविर के पास वृक्ष के नीचे बैठी हुई हैं।
3 आत्मकथा
-1932 में पहली बार हंस पत्रिका के आत्मकथा विशेषंाक में प्रकाशित
- छायावादी शैली में
- जयशंकर प्रसाद की विनम्रता और यथार्थ की स्वीकृति
विशेषः-
-कुल 69 कहानियाँ
- प्रथम कहानी ग्राम { 1911 इन्दुपत्रिका में प्रकाशित }
- इंदु पत्रिका के सम्पादक
- शैलियों का जादुगर
3 जैनेन्द्र
जन्मः-सन्-1905 अलीगढ़ {उŸतर प्रदेश}
मृत्युः- सन्-1990 मूल नाम-आन्नदीलाल
- भारत सरकार द्वारा पद्मभषणू से सम्मानित { 1970}
निंबध साहित्य
1-प्रस्तुत प्रश्न{1936}
2- जड़ की बात{1945}
3- पूर्वोदय{1951}
4-सहित्य का श्रेय और प्रेम{1953}
5- मंथन {1953}
6-सोच विचार{1953}
7-काम प्रेम और परिवार {1953}
8-समय और काम{1962}
9- परिप्रेक्ष्य{1964}
10-राष्ट्र और राज्य {1962}
11-सूजित लंचचन {1962}
12- इतस्ततः{1967}
ऽ प्रमुख उपन्यास
परख{1927}
सुनीता{1935}
त्यागपत्र{1937}
कल्याणी{1939}
जयवर्धन{1956}
ऽ साहित्य अकादमी पुरस्कार
मुन्तिबोध{1966}
अनन्तर{1968}
अनामस्वामी{1974}
दशार्क{1985}
नोट्ः-सुनिता और कल्याणी नें जयवर्धन और मुक्तिबोध को देशार्क में अपने अनन्तर परख का त्यागपत्र सौंपा
प्रमुख कहानी संग्रह
फाँसी{1929}
जयसधिं{1929}
वातायन{1930}
नीलम देश की राजकन्या{1933}
एक रात{1934}
दो चिडि़याँ{1935}
पाजेब{1942}
ध्रुवयात्रा{-}
नोट्ः-एक नीलम देश की राजकन्या ध्रुव यात्रा पर जाते समय वातायन में दो चिडि़याँ को पाजेब दी तथा जयसधिं के साथ फाँसी पर चढ़ गई।
ऽ संस्मरण ग्रंन्थ
ये और वे {1945}
मेरे भटकान
ऽ अनुदित रचनाएँः-
मेरी मेग्दालिनी{1935}
पाप और प्रकाश{1953}
प्रेम में भगवान{1937}
◊ स्ंावेदनाः- बाजार दर्शन
ः-बाजार का पोषध करने वाले शास्त्र को अनीतिशास्त्र बताया हैं
ः-विजयदान देया की कहानी ‘‘दुविधा‘‘{जिस पर ‘पहेली‘ फिल्म बनी है }
ः-कोड मिन्सिंग का प्रयोग
उदाहरणः- पैसा पावर हैं।
ः-बाजार जाने पर मन भरा व जैब खाली होनी चाहिए।
4 सच्चिदान हीरानन्द वात्स्यान
जन्मः- सन्1911 {कुशीनगर,यु.पी}उ.प्र
निधनः-सन्1987
ः-‘‘कितनी नावों में कितनी बार‘‘रचना पर आपको 1978 में ‘‘भारतीय ज्ञान पीठ पुरस्कार‘‘प्राप्त हुआ।
भारत भारती सम्मान
भारतीय ज्ञान पीठ पुरस्कार
प्रमुख निबंधः-
त्रिशंकु{1945}
आत्मनेपद{1960}
हिन्दी सहित्य{1967}
एक आधुनिक परिदृश्य
जोड़ा लिखी{1977}
अद्यतन{1971}
संवत्सर{1978}
स्त्रोत और सेतू{1978}
युग संधियों पर {1981}
धार और किनारे{1982}
स्मृति छन्दा{1989}
उपन्यासः-
शेखर जीवनी{1941-,44}
नदी के द्वीप {1952}
अपने-अपने अजनबी{1961}
कहानी संग्रहः-
विषधरा {1937}
परम्परा{1944}
कोठरी की बात{1945}
शरणार्थी{1948}
जयढोल{1951}
यें तेरे प्रतिरूप{1961}
कथा-वृतातंः-
अरे यायावर रहेगा याद{1953}
हक बूँद सहसा उछली{1960}
ः-चार वर्ष जेल में तथा दो वर्ष नजर बंद पत्रिका के संस्थापक
प्रमुख पत्रिका
सैनिक
विशाल भारत
प्रतीक
नया प्रतीक
दिनमान
बिजली
मैं क्यों लिखता हूँ
संवेदनाः-
ः-भीतरी विवश्ता ही लेख मजबूर करती हैं।
ः- प्रत्यक्ष अनुभव तब अनुभूति का रूप् लेता हैं तभी रचना पैदा होती हैं।
ः-हिरोशिमा कविता के उदाहरण द्वारा अपनी बात स्पष्ट की
5यशपाल
जन्मः-1903ई. फीरोजपुर छावनी {पंजाब}
मृत्युः-1976ई.{25दिसम्बर1976}
कहानी संग्रह
ज्ञानदान
तर्क का तूफान
पिंजरे की उड़ान
वा दुनिया जेल में लिखी
फूलों का कुर्ता
तुमने क्यों कहा था
ऊतसी की माँ
मैं सुन्दर हूँ
प्रमुख उपन्यास
अमिता
दिव्या
पार्टी कामरेड
दादा कामरेड {1941 प्र.उपन्यास
मनुष्य के रूप
देशद्रोही
बारह घण्टे
मेरी तेरी उसकी बात
नोट्ः- क्रांतिकारी धारा से जुड़ाव
ः- बम षड़यंत्र से जेल गए
ः-विप्लव पत्रिका का संपादक
निबंध:-
बात-बात में बात
चक्कर क्लब
न्याय का संघर्ष
देंखा-सोचा और समझा
ः-‘झूठो सच‘भरत -पाक विभाजन की त्रसादी पर आधरित
ः7 1976- मेरी तेरी उसकी बात पर {सा. अका.पु.}
नोट:-लाहौर के नेशनल काॅलेज से बी.ए वहाँ पर उनका परिचय भगतसिंह व सुखदेवसिंह से हुआ।{जेल की हवा खायी
नोट्:- मनुष्य के रूप दादा कामॅरेड को झूठा-सच लगा देशद्रोही साबित कर पार्टी कामॅरेड से निस्कासित कर दिया किन्तु दिव्या व अमिता उसकी बात कर बारह घ्ंाटे में पार्टी पुनः सम्भाली।
लखनवी अंदाज
पात्र-नबाव राय-पतनशील व्यवस्था के प्रतीक
ः- आत्मकथत्मक कहानी
ः-बिना,विचार,घटना और पात्रों क ेलेखनीय इच्छा मात्र कहानी बना लेते हैं
ः- नई कहानी के लेखकोंपर करार व्यंग्य
ः-लोंगों के पाखण्ड का चित्रण
6मन्नूभंडारी
जन्मः-1931ई. गाँव भानपुरा, मंदसौर{म.प्र}
निधनः-
मूल नाम-मेहन्द्र कुमार
पिता- श्रीसुखसम्पतिराय प्रसिद्ध कारीगार
पति-राजेन्द्र कुमार{हंस पत्रिका के संपादक}
:-बिनादिवारों के घर-नाटक
प्रमुख कहानियाँ
अकेली
नयी नौकरी
रानी माँ का चबूतरा
यहीं सच हैं।
एक प्लेट सैलाब
मैं घर गई
तीन निगाहों की एक तस्वीर
आखों देखा झूठा
त्रिशंकु
यहीं सच हैंः- {वर्ष1966-1974में वासुचटर्जी के निर्देशन में रजनीगंधा-फिल्म}
उपन्यास
महाभोज {राजनीति व पुलिस व्यवस्था परव्यंगय}
आपका बंटी{तलाक की सम्स्याओं पर आधिरित}
एक इंच मुस्कान {आधुनिक युवा जोड़ो की दुखान्त कथा}
राजेन्द्र यादव के साथ लेखन
मन्नू भण्डारी के लेखन का मुख्य केन्द्र-महिला
नोटः-यहीं सच हैं कि मैं रानी माँ के चबुतरे के पास अकेली नयी नौकरी देखने को गई वहाँ बिना दिवारों के घरमें तीन निगाहों की तस्वीर त्रिशंकु पर टंगी थी जहाँ आपका बंटी एक प्लेट सैलाब लेकर एक इंच मुस्कान के साथ महाभोज कर रहा था यह मेरा आँखों देखा झूठा नहीं हैं अब में हार गई हूँ।
पटकथाएँः-रजनी, निर्मला,स्वामी,दपर्ण
रजनी
पात्रः- रजनी-नायिका
अमित- पीडि़त छात्र
लीलाबेन-पड़ोसन,अमित की माता
कंातिभाई-अमित का पिता
ः-सात दृश्य
उद्धेश्यः-
व्यवसाय बनती जा रही शिक्षा व्यवस्था का वर्णन
ः-अन्याय और गलत करने पर पुरजोर निषेघ करने की प्ररेणा
एक कहानी यह भी
पिता के व्यक्तित्व का वर्णन
ः- पिता की टुटी मानसिकता एवं उच्च गुणों के समावेश का ब्यौरा
ः-पिता जी के प्रारभ्मिक पक्षपात पूर्ण व्यवहार से लेखिका में उपजी भावना
ः-बड़ी बहन सुशीला से तुलना
ः-सहनशील किन्तु दरिद्र मानसिकता वाली माता के प्रति सहानुभूति
ः-सन्1945 में शीला अग्रवाल{प्राध्यापिका-हिन्दी}सावित्री गल्र्स काॅलेज में परिचय
ः-पढ़े गये उपन्यास
सुनिता{जैनैन्द्र}
शेखर एक जीवनी
अज्ञेय
नदी के द्वीप
ः-पिता के मित्र-अमबालाल
7महादेवी वर्मा
जन्मः-सन्1907 फर्रूखाबाद {उ.प्र}
निधनः-सन् 1987 इलाहाबाद
प्रमुख पुरस्कार-
ज्ञानपीठ पुरस्कार{‘यामा‘संग्रह के लिए 1982 ई.में}
भारत भारती पुरस्कार
पद्मभूषण{1956}
ः-‘चाँद‘ पत्रिका का सम्पादन किया
ः-काव्य कृतियाँ
दीपाशिखा{1942}
नीहार{1930}
नीरजा{1935} यात्रा{1940}
सन्हय गीत{1936}
श्श्मि{1932}
ः-संस्मरण/रेखाचित्र
अतीत के चलचित्र{1914}
स्मृति की रेखाएँँ{1945}
पथ के साथी{1956}
मेरा परिवार{1972}
ः-किसी वस्तु का सम्पूर्ण वर्णन और जिसमें लेखक होना आवश्यक नहीे हैं-रेखाचित्र कहलाता हैं।
निबंध संग्रह:-
श्रृखला की कडि़याँ
आपदा
संकल्पिता
भारतीय संस्कृति
ः-अन्य-क्षणदा{1956}विवेचनात्मक गद्य
नोटः- छायावाद के चार स्तम्भ{पंत,प्रसाद,निराला,और महादेवी}
पाठ्यक्रमः- भक्तिन{रेखाचित्र}
चार परिच्छेद
दुसरे परिच्छेद में पति का प्रेम,तीनो लड़कियों,कठिन परिश्रम
/- भक्तिन की विशेषताएँ
ः-कर्मठ आत्भिमानी महिला
ः-अपनी शर्तो पर जाने वाली
ः- देहाती तौर तरीको
ः-स्वामी भक्त
ः-कुछ अवगुण-चोरी झूठ
मेरे बचपन के दिन {संस्मरण}
बाबा- उर्दु-फरासी
पिता- अंग्रेजी
माँ- हिन्दी पंडित जी- संस्कृत पढ़ाने आयें।
सप्तवर्णों,हिमालय,-{समस्त गद्य लेखन}
ः-सबसे पहले पंचतंत्र पढ़ा
ः-माँ द्वारा गाया मीरा का पद‘‘जागिए कृपानियान पंछी बन बोले‘‘
ः-सुभद्रा कुमारी चैहान के चले जाने पर उनकी जगह मराठी लड़की जेबुन्निसा का आगमन
ः-उस्तानी -जीनत बेगम
ः- महादेवी के भाई का नामकरण जवारा के नबाव की पत्नी बेगम साहिबा द्वारा ‘‘मनमोहन‘‘रखा गया
ः-7वें दर्जे में-सुभद्रा कुमारी चैहान से मिलीं
8 धर्मवीर भारती
जन्मः-सन्1926 इलाहबाद {उ.प्र}
निधनः-1997
ः-कविता संग्रह-
$ कनुप्रिया {भ्रमरगीत पद्वति की रचना व आधुनिकता का समावेश}
$सात वर्ष गीत
$ठंडा लोहा
ः-कहानी संग्रह
$ ब्ंाद गली का आखिरी मकान
$ चँाद और टूटे लोग
$ स्वर्ग और पृथ्वी
$ मुर्दो का गाँव
$ सास की कलम से
उपन्यास
सूरज का सातवाँ घोड़ा {1952}
श्याम वेनेंगल- 1992 में इसी नाम से फिल्म
गुनाहों का देवता{1949} भावप्रवण प्रेमकथा
ः-अंधा युग {गीतिनाट्य} {दोणसूत अश्वच्यामा
जीवन से जुड़ी}
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त
निंबध संग्रहः-
पश्यंती
कहानी- अनकहनी
मनव-मूल्य और साहित्य
ढेले पर हिमालय
$प्रमुख सम्मान-पद्मक्षी,व्यास,सम्मान
ः-पाठयक्रम
काले मेधा पानी दे{संस्मरण}
ः-लोक प्रचलित विश्वास और विज्ञान के द्वंद्व का सुंदर चित्रण
ः-ज्येषठ,आषढ़, की भीषण गर्मी के वर्णन के साथ पानी की अत्यधिक कमी के बावजूद पानी बहाये जाने पर लेखक का तर्कपूर्ण क्षोभ-
ः- अंधविश्वास का खात्मा
ः- ‘सूरज का सातवाँ घोड़ा‘ प्रेम में रहकर मघ्यम वर्ग की हताशा,अधिक संघर्ष नैतिक विचलन अनाचार का चित्रण
9 फणीश्वर नाथ
जन्मः-4 मार्च 1921, औराही हिंगना{जिला पूर्णिया अब अररिया बिहार में }
निधनः-11 अप्रैल1977 पटना में
उपन्यास
मैला आँचल{1954}
परली परिकया
दीर्घतया
जुलुस
कितनें चैराहें
कहानी संग्रह
कुमारी
अगिनखोर
आदिम रात्रि की महक
एक श्रावणी दोपहरी की धूप
संस्मरण
ग्रहणजल धनजल
वनतुलसी की गधं
श्रुत अश्रुत पूर्ण
$नेपाली क्रंाति कथा {रिपोर्ताज} तथा रेणु रचनावली {पाँच खंड़ो में समग्र}
ः- 1942 में स्वतन्त्रा आन्दोलन में भाग
ः-1950 की नेपाल राजतंत्र विरोधी क्रांति में भाग
ः- शिक्षा विराटनगर {नेपाल}
पाठ्यक्रम-
1 पहलवान
पात्रः-पहलवान-लुट्टनसिंह
राजा- श्यामानंद
चाँद सिंह-शेर के बच्चे का नाम {उपाधि}
पहलवान का गुरू-ढोलक
$हिन्दी का पहला आँचलिक उपन्यास-मैला आँचल{1954}
$ गाँव में महामारी फैंलने तथा पहलवान के दोनों बेटों के देहांत का मार्मिक चित्रण
नोटः-थाक् थिना ,तिरकिटतिना-दाँव काटो,बाहर हो जा
चट्ाक चट् धा-उठा पटक दे
थिना-थिना,धिक्-धिक्-चित करो,चित करो
चिट धा,गिड़ धा -आ जा भिड़ जा
ढ़ाक-धिना-वाह पठ्ठे
2रस जल प्रलय मे
{ऋणजल-धन से}
रिपोतार्ज
ः-पटना की बाढ़ का वर्णन-एक शहरी भोगी के रूप् में
ः-रेणु ने ऋणजल का पानी {18 घंटे वर्षा}
ः- रेणु ने ऋणजल-धनजल पुस्तक में ‘कुŸो की आवाज‘शीर्षक से पटना की बाढ़ का वर्णन किया उसें जाबिर हुसैन ने संपदित कर सादय पत्रिका के ‘नदियों की आग ‘शीर्षक
ः-1975 की पटना बाढ़ का वर्णन
3 संवदिया{काहनी}
हरगोबिन {संवदियाँ}
नायिका-बड़ी बहुरिया
- भाव प्रधान कहानी
- तत्कालीन समाज में विधवाओं की दुर्दशा का चित्रण
-ग्रामीण परिवंश व अपनेपन की मानसिकता
-थाना बिंहपुर-बड़ी बहुरिया का मायका
$$ तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम - कहानी पर फिल्म बन चुकी हैं।
10 कृष्णा सोबती
जन्म-सन्1925 {पश्चिमी पंजाब वर्तमान में पाकिस्तान}
उपन्यास
जिंदगीनामा {1980 सा.अ.पु.}
दिलोढानिश
ऐ लड़की
खमथ सरगम
कहानी
डार से बिछुड़ी मित्रों मरजानी
बादलों के धिरे सूरजमुखी अँधेरे के
ः-हम हशपत{शब्दचित्र}
ः-शब्दों के आलोक में
$ 2010 में पद्मभूषण पुरस्कार
-शब्दचित्र- एक इन्टव्यु के समान तथा उस व्यक्ति के शब्दों द्वारा व्यक्तित्व का ज्ञान
/- हम -हशपत-स्वंय के व्यक्तित्व को ‘हशपत‘ नाम से प्रस्तुत किया
ः-मियाँ नसीरूद्दीन {हम-हशमत से लिया गष हैं}
मियाँ नसीरूद्दीन-खानदानी नानबाई
विशेषता- अपने पेशे पर गर्व व संतोष
- करके सीखने को असली हुनर मानते हैं
- अपने कान से मतलब रखने वाले
$जिंदगी नामा-भारत-पाक पर कालजयी रचना
$अन्य-यशपाल -झूठा सच,राही मासूम रजा -आधा गाँव ,भीष्म साहनी-तमस्
$कमलेश्वर-कितने पाकिस्तान
ः-छप्पन प्रकार की रोटियाँ बनाने के लिए प्रसिद्ध
ः- विभिन्न रोटियाँ-बाकरखानी, शीरमाल,ताफतान,बेसनी,खमीरी, रूमाली, गाव,दीदा,गाजेबान,बनकी
बनुकी पापड़ से ज्यादा महीन होती हैं।
ः-संस्कृत निष्ठ तत्समता,उर्दु का बौकापन,पंजाबी की जिंदादिली ये जब एक साथ उनकी खनाओं में मौजूद हैं।
11 महावीर प्रसाद द्विवेदीेेेेेेेेे
जन्मः-सन्1864 ग्राम दोलतपुर जिला रायबरेली{उ.प्र}
निधनः-1938 मे
$ रेलवे से इस्तीफ देने के पश्चात् मासिक ‘‘पत्रिका‘‘ सरस्वती का प्रकाशन शुरू किया-1903-1920
निबंध
रसज्ञ रंजन
साहित्य-सीकर
सात्यि-सदंर्भ
अद्भुत आलाय
$संपŸिाशास्त्र- उनकी अर्थशास्त्र से संबधित पुस्तक हैं।
$ महिलामोद- महिला उपयोगी पुस्तक हैं। तो आध्यात्मिकी हैं।
ः-मा.द्वि.की कविताएँ द्विवेदी काव्य माला में हैं।
ः- उनका संपूर्ण साहित्य महावीर प्रसाद द्विवेदी रचनावली के पंद्रह खंडों में प्रकाशित हैं।
ः-हिन्दी के पहले व्यवस्थित संपादक हैं।
अनुवाद
विजय विनोद{1889}
स्नेह माला{1890}
बिहार वाटिका{1890}
ऋतु तंरगिणी{1891}
कुमार संभव{1902}
सोहाग शत{अप्रकाशित}
मूलरचना रचनाकार
वैराग्य शतक भर्तहरि
श्रृगांर शतक भर्तहरि
गीत गोविन्द जयदेव
ऋतु संहार कालीदास
कुमार संभव कालीदास
ब्राइडल नाइट बाइरिन
ः-स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतकों का खंडन
$ सरस्वती में सितम्बर 1914 में प्रथम प्रकाशित लेख‘‘पढ़े-लिखों का पाण्दिव्य‘‘
$महिला मोद पुस्तक में शामिल करते समय शीर्षक- स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्को का खंडन
ः- स्त्री शिक्षा का विरोध करने वालों पर व्यंग्य
16 रामवृक्ष बेनीपुरी
जन्मः-सन्-1899 बेनीपुर जिला मुजफ्रपुर{बिहार}
निधन-1968
- 1920 के राष्ट्रीय आन्दोलन में भाग लिया
-15वर्ष की अवस्था में पत्र-पत्रिकाएँ छपने लगी।
$उनका पुरा साहित्य बेनीपुरी रचनावली आठ खंडों में प्रकाशित हैं।
ः-दैनिक साप्ताहिक,मासिक पत्र-पत्रिकाएँ-
तरूण भारत
किसान मित्र
बालक
भुवक
योगी
जनता
जनवाणी
नयी धारा
नोटः-बालक युवक होकर किसान मित्र बन तरूण भारत का निर्माण करेगा या फिर योगी बनकर जनवाणी से जनता को नई धारा प्रदान करेगा।
$ कलम का जादुगर-रामवृक्ष बेनीपुरी, कलम का सिपाही-अमृतराय{प्रमेचन्द} कलम का मजदुर-प्रमेचन्द्र
- माटी की मूरतें{रेखाचित्र}
-पैरों में पंख बाँधकर{यात्रा-वृतंात}
-जजीरो और दीवानों{संस्मरण}
बालगोबिन भगत
- बालगोबिन भगत का आधार जीवन के मानवीय सरोकार होते हैं
- सामजिक के माध्यम से ग्रामीण जीवन की सजीव झाॅकी
13 कमलेश्वर
जन्म-सन्-1932 मैनपुरी {उ.प्र.}
निधन-27जनवरी2007 {दिन का दौरा}
पत्र-पत्रिकाएँ-सारिका,दैनिक जागरण,दैनिक भास्कर
-कहानी संग्रह
राजा निरबंसियाँ
खोई हुई दिशाएँ
सोलह छŸाों वाला घर
जिंदा मुर्दे
-उपन्यास
वहीं बात
आगामी अतीत
डाक बंगला
काली आँधी{आँधी नाम से फिल्म}
एक सड़क सन्तातन गलियाँ
लुटे हुए मुसाफिर
-आत्मकथा-‘जो मैंने जिया‘
- पटकथा-चन्द्रकातां
-2005 में पद्रम भूषण
नाटक
अधूरी आवाज
रेत पर लिखे नाम
हिन्दोस्ता
जाॅर्ज पंचम की नाक
- नाक-इज्जत का प्रतीक
- नाक कटना/ नाक काटना मुहावरे का विस्तार कर इसका व्यंगयात्मक उपयोग
ः- आजादी मिलने के बाद भी सन्ता से जुड़े विभिन्न प्रकार के लोगों की औपनिवेशक दौर की मानसिकता और विदेशी आकर्षण पर गहरी चोट की हैं।
-रानी का हलके नीले रंग का सूट
खर्चा 400पौड़ या 500रू.
14 शिवपूजन सहाय
जन्म‘-सन्-1893 गाँव उनवांस जिला-भोजपुर {बिहार}
निधन-सन्-1968
-हिन्दी भाषा में महावीर द्विवेदी के बाद शब्दों की प्रमाणिता में दूसरा स्थान
-इसी कारण इनका उपनाम-हिन्दी की प्रमाणिक टकसाल
ः-पत्रिकाएँ- तागरण,हिमालय,माधुरी, बालक,
कहानी-वे दिन वे लोग{1965}
समालेाचनाः-
ग्राम सुधार
स्मृति शेष
देहाती दुनिया{1926 ई. उपन्यास आत्मकव्य शैली में}
$ हिन्दी भाषा और साहित्य{आलोचना ग्रन्थ}
ग्रन्थ-माता का सपूत, दो घडि़याँ,विभूती
सम्पूर्ण साहित्य-
शिवपूजन रचनावली-{4खण्ड़ों में}
माता का आँचल
-लेखक के स्वंय का वाल्यवस्था एवं अभिभावकों का वात्मल्य का वर्णन
-ग्रामीण परिवेश वातावरण/ संस्कृति का वर्णण
/- शिशु चरित्र भोलेनाथ कथनक का दृष्टि बिन्दु हैं।
भोलेनाथ -असल का नाम
तारकेश्वर नाथ
-बाएँ पर खट्टा चुम्मा तथा दाएँ पर चुम्मा मीठा
भोलानाथः-
जहाँ लड़कों का संग, वहाँ बाजे मृदंग।े
जहाँ बुढों का संग,वहाँ खर्चें का तंग।।
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